शर्मनाक: कूड़े की गाड़ी में एक डॉक्टर की बहन का शव पहुंचा शमशान घाट
कोरोना की इस दूसरी लहर ने देश मे अफरा तफरी का माहोल कर दिया है लोग हॉस्पिटलों के बाहर लाइन लगाए खड़े है पर उनको जागा नहीं मिल रही, आलम ये है के ये लाइन मरने के बाद भी कम नहीं हो रही शमशान और कब्रिस्तान मे टोकन मिल रहे है हालत बहुत खराब है.
जिस देश मे एम्बुलेंस के लाले पड़े हो वहां बुलेट ट्रेन का सपना कोई फरेबी ही दिखा सकता है मामला शामली का है जहां 50 वर्षीय बालामती की मौत हुई तो उनके भाई ने मोहल्ले वालों से अंतिम संस्कार के लिए था लेकिन महामारी के दौर में कोई भी लाश को कंधा देने नहीं आया

मजबूर होकर उन्होंने नगर पंचायत चेयरमैन से गुहार लगाई , नगर पंचायत ने वाहन भेजा, नगर पंचायत कर्मियों की मदद से लाश शमशान घाट पहुंची जहां चिकित्सक के भाई ने बालामती का अंतिम संस्कार किया